विचारक - जितेन्द्र शुक्ला ( विद्यार्थी - पत्रकारिता विभाग, अवध विश्वविद्यालय )
आप सब को तो ये बताना ही सही नहीं होगा कि पानी नहीं तो क्या । आप लोग तो समझदार है ।
हम सिर्फ यही देखते है कि अपने बच्चे की लाइफ अच्छी हो और वो बड़ा होकर बिज़नेस मैन बने या सरकारी नौकरी करे । आप ने अपने बच्चे के भविष्य के लिए पैसे तो बचा लेंगे , लेकिन वो उससे पानी नहीं खरीद पाएगा क्योंकि तब तक पानी ना के बराबर बचेगा , नहीं यकीन तो चेन्नई शहर के हालात देख लीजिए ।
पानी की सप्लाई जो हमे और आपको आसानी से मिल जा रही है । वो टैक्स भी भरते है फिर भी सरकार उनको आसानी से पानी नहीं दे पा रहा , हमारे यहां अभी ये नहीं है । इसीलिए हमारा ध्यान उस तरफ नहीं जा रहा । सिंगापुर में साफ पानी के लिए बड़े बड़े प्लांट लगाए गए है । बरसात के पानी को भी एकत्र करने का काम हुआ है ।
लेकिन हमारे भारत में तो मंदिर मुद्दा ज्यादा जरूरी है जात - पात ज्यादा जरूरी है अगली बार किसकी सरकार बनेगी ये जरूरी क्योंकि जब धरती पर पानी ना के बराबर हो जाएगा , तो क्या जिसको आपने वोट दिए है वह मंत्री जी आपके घर पानी पहुंचने आएंगे , की लीजिए आप प्यास से मर रहे है । ऐसा कुछ नहीं होगा ।
( पानी को बचाए )
आप सब को तो ये बताना ही सही नहीं होगा कि पानी नहीं तो क्या । आप लोग तो समझदार है ।
हम सिर्फ यही देखते है कि अपने बच्चे की लाइफ अच्छी हो और वो बड़ा होकर बिज़नेस मैन बने या सरकारी नौकरी करे । आप ने अपने बच्चे के भविष्य के लिए पैसे तो बचा लेंगे , लेकिन वो उससे पानी नहीं खरीद पाएगा क्योंकि तब तक पानी ना के बराबर बचेगा , नहीं यकीन तो चेन्नई शहर के हालात देख लीजिए ।
पानी की सप्लाई जो हमे और आपको आसानी से मिल जा रही है । वो टैक्स भी भरते है फिर भी सरकार उनको आसानी से पानी नहीं दे पा रहा , हमारे यहां अभी ये नहीं है । इसीलिए हमारा ध्यान उस तरफ नहीं जा रहा । सिंगापुर में साफ पानी के लिए बड़े बड़े प्लांट लगाए गए है । बरसात के पानी को भी एकत्र करने का काम हुआ है ।
लेकिन हमारे भारत में तो मंदिर मुद्दा ज्यादा जरूरी है जात - पात ज्यादा जरूरी है अगली बार किसकी सरकार बनेगी ये जरूरी क्योंकि जब धरती पर पानी ना के बराबर हो जाएगा , तो क्या जिसको आपने वोट दिए है वह मंत्री जी आपके घर पानी पहुंचने आएंगे , की लीजिए आप प्यास से मर रहे है । ऐसा कुछ नहीं होगा ।
( पानी को बचाए )
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