लेखक - जितेन्द्र शुक्ला ( छात्र, पत्रकारिता विभाग, अवध विश्वविद्यालय )
14 August, 2019
इस समय पूरे दुनिया में पानी की बहुत किल्लत है । प्रकृति को दोष देने से कुछ नहीं होगा , क्यों की इन सबकी वज़ह हम लोग ही है ।
पेड- पौधों को काटकर , पर्यावरण को दूसित करके ।किसी को किसी भी चीज के बारे में समझाओ तो बेकार लगता होगा लेकिन से सच है । कुछ सालो बाद हमारा भविष्य खतरे में पड़ जाएगा । क्यों की हम और आप सही वजह को समझना ही नहीं चाहते । कुछ सालो बाद ऐसा होगा कि हम दूसरे से एक बाल्टी पानी अपने पड़ोसी से उधार मागेंगे और वो मना कर देगा और आप बीत चुके समय को कोसेंगे और भगवान से मनाएंगे कि कास अपनी गलती सुधारने का मौका मिल जाए । लेकिन उस समय आपका कोई भी व्यक्ति मदद नहीं करेगा ।
अगर पानी की कीमत जानना हो तो चेन्नई के लोगो से पूछो रजिस्थान , मुम्बई महा नगरो से पूछो । लेकिन हम लोगो का एक ही सोचना है कि जान जाए पर फैसन ना जाए ।
PLEASE ( Save water ) नहीं तो ज़िन्दगी नहीं ।
इस समय पूरे दुनिया में पानी की बहुत किल्लत है । प्रकृति को दोष देने से कुछ नहीं
होगा , क्यों की इन सबकी वज़ह हम लोग ही है । पेड- पौधों को काटकर , पर्यावरण को दूसित करके ।किसी को किसी भी चीज के बारे में समझाओ तो बेकार लगता होगा लेकिन से सच है । कुछ सालो बाद हमारा भविष्य खतरे में पड़ जाएगा । क्यों की हम और आप सही वजह को समझना ही नहीं चाहते । कुछ सालो बाद ऐसा होगा कि हम दूसरे से एक बाल्टी पानी अपने पड़ोसी से उधार मागेंगे और वो मना कर देगा और आप बीत चुके समय को कोसेंगे और भगवान से मनाएंगे कि कास अपनी गलती सुधारने का मौका मिल जाए । लेकिन उस समय आपका कोई भी व्यक्ति मदद नहीं करेगा ।
अगर पानी की कीमत जानना हो तो चेन्नई के लोगो से पूछो रजिस्थान , मुम्बई महा नगरो से पूछो । लेकिन हम लोगो का एक ही सोचना है कि जान जाए पर फैसन ना जाए ।
PLEASE ( Save water )
14 August, 2019
इस समय पूरे दुनिया में पानी की बहुत किल्लत है । प्रकृति को दोष देने से कुछ नहीं होगा , क्यों की इन सबकी वज़ह हम लोग ही है ।
पेड- पौधों को काटकर , पर्यावरण को दूसित करके ।किसी को किसी भी चीज के बारे में समझाओ तो बेकार लगता होगा लेकिन से सच है । कुछ सालो बाद हमारा भविष्य खतरे में पड़ जाएगा । क्यों की हम और आप सही वजह को समझना ही नहीं चाहते । कुछ सालो बाद ऐसा होगा कि हम दूसरे से एक बाल्टी पानी अपने पड़ोसी से उधार मागेंगे और वो मना कर देगा और आप बीत चुके समय को कोसेंगे और भगवान से मनाएंगे कि कास अपनी गलती सुधारने का मौका मिल जाए । लेकिन उस समय आपका कोई भी व्यक्ति मदद नहीं करेगा ।
अगर पानी की कीमत जानना हो तो चेन्नई के लोगो से पूछो रजिस्थान , मुम्बई महा नगरो से पूछो । लेकिन हम लोगो का एक ही सोचना है कि जान जाए पर फैसन ना जाए ।
PLEASE ( Save water ) नहीं तो ज़िन्दगी नहीं ।
इस समय पूरे दुनिया में पानी की बहुत किल्लत है । प्रकृति को दोष देने से कुछ नहीं
होगा , क्यों की इन सबकी वज़ह हम लोग ही है । पेड- पौधों को काटकर , पर्यावरण को दूसित करके ।किसी को किसी भी चीज के बारे में समझाओ तो बेकार लगता होगा लेकिन से सच है । कुछ सालो बाद हमारा भविष्य खतरे में पड़ जाएगा । क्यों की हम और आप सही वजह को समझना ही नहीं चाहते । कुछ सालो बाद ऐसा होगा कि हम दूसरे से एक बाल्टी पानी अपने पड़ोसी से उधार मागेंगे और वो मना कर देगा और आप बीत चुके समय को कोसेंगे और भगवान से मनाएंगे कि कास अपनी गलती सुधारने का मौका मिल जाए । लेकिन उस समय आपका कोई भी व्यक्ति मदद नहीं करेगा ।
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अगर पानी की कीमत जानना हो तो चेन्नई के लोगो से पूछो रजिस्थान , मुम्बई महा नगरो से पूछो । लेकिन हम लोगो का एक ही सोचना है कि जान जाए पर फैसन ना जाए ।
PLEASE ( Save water )
बहुत बेहतर लेख
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