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सम्बन्धों को अनुबन्धों को परिभाषाएँ देनी होंगी होठों के संग नयनों को कुछ भाषाएँ देनी होंगी ..
        उक्त पंक्तियॉ डा. कुमार विश्वास ने 'मैं कवि हूँ' शीर्षक के अन्तर्गत लिखी हैं | इसमें कुछ सम्बन्ध, अनुबन्ध और भाषाओं की बात की गई है | वस्तुत: मीडिया भी एक प्रकार की वैसी भाषा ही है, जो अनुबन्ध, सम्बन्ध और स्थितियों से रू-ब-रू करा सके | फोटोग्राफी भी कहीं न कहीं ऐसी ही भाषा है |

     "फोटोग्रफी इज एन आर्ट" , 'एक तस्वीर खुद में एक कहानी होती है', 'फोटो मतलब प्रकाश, फोटोग्राफी मतलब प्रकाश को ग्राफ पर ड्रा करना' कुछ ऐसी ही मजेदार और उत्सुकता वाली बातें अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार और पत्रकारिता विभाग में की गयी | दरअसल, 19 सितम्बर को डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय मी दीक्षांत समारोह का आयोजन होना है | यहां की परंपरा बस समारोह वाले सत्ता को दीक्षांत समारोह के रूप में मनाया जाता है |इस सप्ताह के चलते अलग-अलग विभागों में संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं अगर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में भी शनिवार यानी 14 सितंबर को मीडिया और फोटोग्राफी विषय पर विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया , जिसके मुख्य वक्ता शारदा यूनिवर्सिटी की मीडिया डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ अमित चावला थे |



     अमृत चावला फोटोग्राफी के एक्सपर्ट हैं और फोटो साला नाम की संस्था के मुख्य भी रहे हैं | निम्न जानकारियॉ उनके परिचय के लिए पर्याप्त होंगी |
             Dr. Amit Chawla


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 One of the first doctorates in photography across the nation, an alumni of Indian Institute of Management and an Internationally certified trainer by Oce ITC; Amit conceptualized ‘Photoshala’ in 2009. With an experience of over 15 years, he has been associated with names like Canon    India, Doordarshan, Sahara, Maruti, Excel Entertainment Pvt. Limited, Staff Selection Commission, NIFT, Amity, Sharda University, Jamia Millia Islamia, NIT, FDDI, IIP, Genesis Global School, Pathways, Step by Step, and over 50 others. Having published hundreds of photographs and over 50 videos, he is also the recipient of ‘Best Photographer of the Year’ award (2009 & 2010) by International Boulevard of Photographers. His book titled ‘Commercial Photo Studios in India’ was recently released by renowned film maker – Sh. Mahesh Bhatt.
   कार्यक्रम में विभाग के लगभग सभी छात्र और संकाय मौजूद रहे | विभाग के  समन्वयक डा. के.के. वर्मा भी मौजूद रहे | 
   




     फोटोग्राफी पर विशेष व्याखान के बाद खुद के कैमरे से डा. चावला ने छात्रों को यह सिखाया कि फोटोग्राफी कैसे करें | करीब दो घंटे की वह समयावधि छात्रों के लिए अविस्मरणीय बन गयी |  


    छात्रों ने कई सवाल भी उठाये, और उनके संतोषजनक जवाब सुनने को मिले | 



   कार्यक्रम के अन्त में  विश्वविद्यालय संकाय द्वारा मुख्य अतिथि डा. चावला को अंगवस्त्र के साथ सम्मान दिया गया | कार्यक्रम में सफल संचालन डा. विजयेन्दु चतुर्वेदी का रहा, और कार्यक्रम के अन्त में डा. राजेश सिंह कुशवाहा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन सौंपकर कार्यक्रम समाप्त करने की घोषणा की गई |

Content credit - Harshit kr Kushwaha
Media Source - Jitendra Shukla & from Facebook wall of Dr. Chawla 

   

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