विचारक - जितेन्द्र शुक्ला ( पत्रकारिता विद्यार्थी, अविवि. )
क्यों तुम्हे गुस्सा नहीं आता इन चीजों पर जो हमारे समाज में हो रही है ?
बस चुप है कि मेरा क्या जा रहा है लेकिन जब जाएगा तो आप कुछ कर ही नहीं पायेंगे । क्यों कि आप की बात कोई सुनेगा नहीं जैसे आपने उनकी बात नहीं सुनी । जब अपने घर पर बात आती है तो सवाल पूछते है कि मेरे साथ ही क्यों। सिर्फ हमारे भारत का नाम को चमकाया जा रहा है। ताकि सरकार की कमी छुप जाए । नहीं तो बताइए कि हमारा देश किस चीज में आगे जा रहा है ।
95 प्रतिशत मीडिया सरकार की भाषा बोल रही है ,आर्थिक हालात में पीछे , आटो मोबाइल के क्षेत्र पीछे , पानी की किल्लत होती जा रही , कई जगह प्राइमरी स्तर पर 1 अध्यापक पूरे स्कूल को चला रहा।
क्यों तुम्हे गुस्सा नहीं आता इन चीजों पर जो हमारे समाज में हो रही है ?
बस चुप है कि मेरा क्या जा रहा है लेकिन जब जाएगा तो आप कुछ कर ही नहीं पायेंगे । क्यों कि आप की बात कोई सुनेगा नहीं जैसे आपने उनकी बात नहीं सुनी । जब अपने घर पर बात आती है तो सवाल पूछते है कि मेरे साथ ही क्यों। सिर्फ हमारे भारत का नाम को चमकाया जा रहा है। ताकि सरकार की कमी छुप जाए । नहीं तो बताइए कि हमारा देश किस चीज में आगे जा रहा है ।
95 प्रतिशत मीडिया सरकार की भाषा बोल रही है ,आर्थिक हालात में पीछे , आटो मोबाइल के क्षेत्र पीछे , पानी की किल्लत होती जा रही , कई जगह प्राइमरी स्तर पर 1 अध्यापक पूरे स्कूल को चला रहा।
किसी भी तरह से सख्ती से कानून नहीं बनाए । अगर सरकार से कुछ पूछो तो वो कहेंगे की हम उनके खिलाफ है। हम देशद्रोही है क्या मज़ाक चल रहा है ।
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