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लेख - डा. अनिल वर्मा ( भौतिकी प्रवक्ता )




          वैज्ञानिकों ने आग पैदा करने के पहले, आग बुझाने का रहस्य ढूँढा था।
योगी जी आपने बिना गौशाला बनाये ही, साँडों-गायों को खुलेआम छोड दिया, परिणामस्वरूप कई दुर्घटनायें हो रही है जिसमें कई मनुष्य मर चुके हैं।
कई साँड और गायें, बछडे कटीले तारों से कटकर मर रहे हैं।
         किसान के द्वारा खेतों में पैदा होने वाली फसलों का भारी नुकसान, जिससे अनाज की अर्थ व्यवस्था भी चरमरायी है।
        जब पिछला मुख्यमंत्री कब्रगाह की चहारदीवारी करके श्मशान बनवा सकता है तो आप जगह-जगह गौशाला, जंगल और चरागाह क्यों नही?
प्रत्येक किसान को गाय और साँड दोनों साथ पालने का, आदेश सुनिश्चित करें।
विदेशी नस्ल का प्रयोग बंद हो तथा स्वदेशी गाय ही रखी जाये।
    गाय को ही राष्ट्रीय पशु बनाया जाये, जिससे उसकी कद्र बढे।
     लघु सीमांत किसानों के कृषि यंत्र इन्ही पशुओं से चलाने वाले बनाये जायें, उन्हे भारी यन्त्रों को रखने की अनुमति न मिले।
रासायनिक खादों के कारखाने और बिक्री बंद हों तथा केवल कम्पोस्ट खाद प्रयोग हो।
प्रत्येक किसान को बायो-गोबर गैस अनिवार्य किया जाये तथा गैस सिलिंडर को आपात स्थिति में ही दिया जाये।
हम किसानों ने सोंचा था, कि हमें अब किसान का सच्चा साथी जैसा मुख्यमंत्री मिला है।
कृपया श्रीमान योगी जी अपने विचारों में थोडा संशोधन करें, क्योंकि पर्यावरण का संतुलन गडबड हो रहा है।
-Dr. Anil ONIL SCENTONIL.

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