जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हॉस्टल फीस बढ़ाने के फैसले पर आखिरकार केंद्र सरकार झुक गई। विश्वविद्यालय में तीन दिनों से जारी छात्रों के प्रदर्शन के बाद बुधवार को सरकार की तरफ से फीस बढ़ाने के फैसले को वापस ले लिया गया है। सरकार ने आर्थिक मदद का भी ऐलान किया है। एचआरडी मंत्रालय में शिक्षा सचिव आर. सुब्रमण्यम ने यह घोषणा की।
सुब्रमण्यम ने ट्वीट कर बताया कि जेएनयू की एक्जीक्यूटिव कमेटी ने फीस बढ़ाने के फैसले को वापस लेने का निर्णय लिया है। इसके अलावा आर्थिक रुप से कमजोर छात्रों को आर्थिक मदद देने का भी प्रस्ताव रखा गया है। सुब्रमण्यम ने छात्रों से अपील की है कि प्रदर्शन खत्म कर वापस क्लास का रुख करें। प्रदर्शन से बाधा की आशंका देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक परिसर से बाहर बुलाई थी।
उधर, जेएनयू के टीचर्स एसोसिएशन (जेएनयूटीए) अध्यक्ष डी. के. लोबियाल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमारे कई मुद्दे हैं। हॉस्टल मैनुअल के अलावा, शिक्षकों की पदोन्नति भी मुद्दा है। इसलिए हमारी बात भी उठनी चाहिए। पिछले 3-4 सालों से यहां तक कि एकेडमिककाउंसिल मीटिंग या तो टाल दी जाती है या फिर दूसरे स्थान पर की जा रही है।
सुब्रमण्यम ने ट्वीट कर बताया कि जेएनयू की एक्जीक्यूटिव कमेटी ने फीस बढ़ाने के फैसले को वापस लेने का निर्णय लिया है। इसके अलावा आर्थिक रुप से कमजोर छात्रों को आर्थिक मदद देने का भी प्रस्ताव रखा गया है। सुब्रमण्यम ने छात्रों से अपील की है कि प्रदर्शन खत्म कर वापस क्लास का रुख करें। प्रदर्शन से बाधा की आशंका देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक परिसर से बाहर बुलाई थी।
उधर, जेएनयू के टीचर्स एसोसिएशन (जेएनयूटीए) अध्यक्ष डी. के. लोबियाल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमारे कई मुद्दे हैं। हॉस्टल मैनुअल के अलावा, शिक्षकों की पदोन्नति भी मुद्दा है। इसलिए हमारी बात भी उठनी चाहिए। पिछले 3-4 सालों से यहां तक कि एकेडमिककाउंसिल मीटिंग या तो टाल दी जाती है या फिर दूसरे स्थान पर की जा रही है।
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स्रोत - आगरा मीडिया
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